लव शभ विच ज़िंदगीनामा
#01
तुम शिमला-मनाली हो गयी,
मैं जलता-तपता वर्धा हो गया।
#02
तुम शक्तिशाली अमेरिका हो गयी,
मैं विवादित कश्मीर हो गया।
#03
तुम कनॉट प्लेस के नज़रों सी खूबसूरत,
मैं चाँदनी चौक के तंग गलियों सा बदहाल।
#04
तू मेट्रो सी आरामदायक,
मैं भारतीय रेल सा अस्त-व्यस्त।
#05
तुम Zee News सी राष्ट्रभक्त,
मैं NDTV सा देशद्रोही।
#06
तुम सुषमा स्वराज हो गयी,
मैं उपेक्षित आडवाणी हो गया।
#07
तुम समंदर की लहरों सी,
मैं किनारे के गीले रेत सा।
#08
तुम बारिश की बूंदों सी,
मैं धरा की धूल सा।
#09
तुम ईद के चाँद जैसी,
मैं रोज़े के इफ्तार जैसा।
#10
तुम मानसून की पहली बारिश,
मैं बरसात का नया छाता।
#11
तुम शिकायतों की पोटली सी,
मैं गलतियों के समंदर सा।
#12
तुम दुल्हन सी शर्मीली,
मैं दूल्हे सा खुशमिजाज।
#13
तुम बेपरवाह बच्ची हो गयी,
मैं लापरवाह आशिक़ हो गया।
#14
तुम गुलमोहर पार्क की सुकून,
मैं मंडावली की तंग गलियों सा परेशां।
#15
तुम इश्क़ की समंदर हो गयी,
मैं समंदर से घिरा गुमनाम टापू हो गया।
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