यादें

बहुत याद आती हो तुम आजकल। जब भी तुम्हे याद करता हूँ, आँखे चेहरे पर पड़ी धूल साफ करने लग जाती है। एक लहर सी उठती है दिल में जो सुनामी का रूप लेकर तब-तक उत्पात मचाती है। जब तक तुम, तुम्हारी यादें और तुम्हारे साथ बिताये पल उसमें बहकर मुझसे दूर बहुत दूर ना चले जायें।

हर बार सोचता हूँ भुला दूँ तुम्हे, कोशिश भी करता हूँ तुम्हे भूलने की। लेकिन भुला नहीं पाता। कभी-कभी सोचता हूँ कि आखिर क्या दिया है, तुमने मुझे? मुझे मेरे घर वालों से दूर कर दिया। मेरे सारे पर्व-त्योहार तुमने छीन लिये। मुझे एक अनजान से शहर में लाकर तड़पने के लिए छोड़ दिया।

ये कैसा व्यापार किया था तुमने मेरे साथ। एक अदद नौकरी की तलाश में आया था तुम्हारे पास, बदले में तुमने कितना कुछ गिरवी रख लिया था मेरा। घर की दहलीज छुड़वा दी तुमने, माँ की जबरदस्ती एक और रोटी खिलाने जैसी ज़िद अब कोई नहीं करता यहाँ। दीदी से बात-बेबात पर होने वाली लड़ाईयाँ छूट गई। काम से परेशान पापा की रोज़ की डाँट छूट गयी। भाई का प्यार छूट गया।

जब तुम रातों में अपनी दूधिया रोशनी में हवा से बातें करती थी, तो मै वहीं तुम्हारे ही आस-पास किसी कोने मे बैठा सिसकियाँ ले रहा होता था। जब तुम दिन के पौ फटते ही ज़िंदगी के भागम-भाग में हिस्सा ले रही होती थी। तब भी मैं वही तुम्हारे ही आस-पास तुझमे अपनी ज़िंदगी ढूंढ रहा होता था।

कोई एक दो दिन का नहीं पूरे चार साल का साथ था हमारा। जिसे तुमने चार मिनटों में तोड़ दिया था। बिछड़ते वक़्त बहुत कुछ कहना चाहता था मैं लेकिन तुमने कुछ बोलने नहीं दिया। मैं रोता रहा, तुम जाती रही। मैं खोता रहा तुम पाती रही।बावजूद इन सबके आज भी तुम्हारी यादों का साया मेरे साथ-साथ चलता है, मेरी परछाई बनकर। आज भी तुम्हारे सिखाए सबक मुझे एक सकारात्मक ऊर्जा देते है।

ज़िन्दगी में आगे क्या होगा, कैसे होगा मुझे कुछ नहीं पता। मैं जो करना चाहता हूँ, जो बनना चाहता हूँ। बन पाऊँगा की नहीं ये भी पता नहीं मुझे। लेकिन तुमने और तुम्हारे लोगों ने मुझे एक सच्चा और अच्छा इंसान बना दिया है। जो ज़िन्दगी की सारी सच्चाइयों को जानने के बाद उनसे अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है। शायद यही वजह है कि आज मैं सारे मोह-माया के बंधन तोड़कर अकेला और खुद में मस्त रहना चाहता हूँ। सबकुछ सुनते हुए भी शांत रहना चाहता हूँ।

थैंक्यू दिल्ली तुमने बहुत कुछ लेकर भी जो थोड़ा बहुत दिया है, वो भी कुछ कम नहीं है। तुम्हारी यादें अब एक पल भी चैन लेने नहीं देती। आ रहा हूँ बहुत जल्द तुम्हारे पास तुमसे मिलने। इस बार मैं ही नहीं मेरी तुमसे लड़ाई भी बेहतर होगी।
#यादें_पार्ट1
Mausam Jaiswal

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